#शनि राशि परिवर्तन 2022
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शनि साढ़े साती का क्या मतलब होता है? यह कुंभ राशि वालों को कैसे प्रभावित करेगी?
शनि साढ़े साती एक ज्योतिषीय दृष्टिकोण है जो कुंभ राशि वालों को अपने जीवन में विभिन्न प्रभावों का सामना करना पड़ता है। यह सात वर्षों तक का समय होता है, जब शनि ग्रह कुंभ राशि में होता है और व्यक्ति की जन्म राशि को पार करता है। यह विभिन्न प्रकार के प्रभावों के साथ आता है:
सामाजिक परिवर्तन: यह समय आपको सामाजिक मामलों में परिवर्तन का सामना करने के लिए कहता है, और आपको समाज में नए संबंध बनाने और पुराने को सुधारने की आवश्यकता हो सकती है।
पेशेवर सफलता में चुनौती: पेशेवर क्षेत्र में मेहनत और संघर्ष का समय हो सकता है, लेकिन इसका फल आपको स्थायिता और सफलता के साथ मिलता है।
आर्थिक परिस्थितियाँ: आर्थिक संबंधों में चुनौती आ सकती है, लेकिन यह भी आपको धन के प्रबंधन में सीखने का अवसर प्रदान कर सकता है।
स्वास्थ्य पर प्रभाव: स्वास्थ्य में चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है, लेकिन यह भी आपको स्वस्थ जीवनशैली अपनाने के लिए प्रेरित कर सकता है।
मानसिक स्थिति: मानसिक स्थिति में चुनौती आ सकती है, लेकिन सही दिशा में कार्रवाई करके आप अपनी मानसिक स्थिति को सुधार सकते हैं।
Note :- यदि आपको इस समय में समस्याएं आ रही हैं, तो Kundli Chakra 2022 Professional Software का सहारा ले सकता है जो आपको उचित मार्गदर्शन देगा।
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Kya Hai Makar Sankranti Mein Daan Ka Mahatva Kyon Khaaya Jaata Hai Makar Sankranti Mein Til-Gud
मकर संक्रांति 2023 / Makar Sankranti 2023
भारतीय हिंदू धार्मिक परम्परा में मकर संक्रांति का विशेष महत्व होता है, क्योंकि, धर्म ग्रंथों के मुताबिक, इस दिन सूर्य देव धनु राशि को छोड़ कर मकर राशि में प्रवेश कर उत्तरायण में आते हैं। यह सकारात्मक ऊर्जा का प्रतीक माना जाता है। पंचांग के मुताबिक, साल 2023 में मकर संक्रांति 15 जनवरी दिन रविवार को मनाई जाएगी।
Makar Sankranti has special significance in the Indian Hindu religious tradition, because, according to religious texts, on this day the Sun God leaves Sagittarius and enters Capricorn, and enters Uttarayan. It is considered a symbol of positive energy. According to the Panchang, in the year 2023, Makar Sankranti will be celebrated on Sunday, January 15.
Makar Sankranti 2023 Muhurt
Makar Sankranti 2023 Date: January 15, 2022 (Sunday)
Punya Kaal Muhurta: 07:15:13 To 12:30:00
Duration: 5 Hours 14 Minutes
Mahapunya Kaal Muhurta: 07:15:13 To 09: Till 15:13
Duration: 2 Hours 0 Minutes
Sankranti Moment: January 14 At 20:21:45 Zमकर संक्रांति 2023 तिथि : 15 जनवरी, 2022 (रविवार)
पुण्य काल मुहूर्त : 07:15:13 से 12:30:00 तक अवधि : 5 घंटे 14 मिनट महापुण्य काल मुहूर्त : 07:15:13 से 09:15:13 तक
अवधि : 2 घंटे 0 मिनट
संक्रांति पल : 14 जनवरी को 20:21:45
संक्रांति से जुड़ी पौराणिक कथा /Mythology Related To Sankranti
पौराणिक कथा के अनुसार, मकर संक्रांति के दिन भगवान विष्णु ने पृथ्वी लोक पर असुरों का संहार कर उनके सिरों को काटकर मंदरा पर्वत पर फेंका था। लिहाजा भगवान की जीत को मकर संक्रांति के रूप में मनाया जाने लगा। मकर संक्रांति के दिन से ही ऋतु परिवर्तन होने लगता है। इस दिन से शरद ऋतु का प्रभाव कम होने लगता है और बसंत का आगमन हो जाता है। इसके बाद दिन लंबे और रात छोटी होने लगती है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार मकर संक्रांति के दिन सूर्यदेव अपने पुत्र शनिदेव के घर जाते हैं। पिता माना जाता है इससे पुत्र के बीच प्रेम बढ़ता है। ऐसे में भगवान सूर्य और शनि की अराधना शुभ फलदायी होती है। मान्यता है कि मकर संक्रांति के दिन इनमें से किसी एक मंत्र के जाप से भक्तों में तेज और ओज की वृद्धि होती है। उन पर भगवान सूर्य की कृपा होती है और सूर्य देव का आशीर्वाद प्राप्त होता है।
ॐ सूर्याय नम:
ॐ ह्रीं ह्रीं सूर्याय नमः
ॐ ऐहि सूर्य सहस्त्रांशों तेजो राशे जगत्पते, अनुकंपयेमां भक्त्या, गृहाणार्घय दिवाकर:
According to the legend, on the day of Makar Sankranti, Lord Vishnu killed the demons on the earth and cut off their heads. was thrown on the mountain. Hence the victory of God was celebrated as Makar Sankranti. From the day of Makar Sankranti, the season changes. From this day the effect of autumn starts reducing and spring arrives. After this, the days start getting longer and the nights shorter. According to religious beliefs, on the day of Makar Sankranti, Suryadev goes to the house of his son Shanidev. It is believed that the love between them increases. In such a situation, worshiping Lord Surya and Shani is auspicious and fruitful. It is believed that by chanting one of these mantras on the day of Makar Sankranti, the devotees get increased energy and vigor. They are blessed by the Sun God and get the blessings of the Sun God.
Om Surya Namah:
Om Hree Hree Suryaye Namah
Om Oh Sun, Sahastransho Tejo Rashe Jagatpate, Compassionate Devotee, Grihanarghay Diwakar:
Makar Sankranti Puja Method / मकर संक्रांति पूजा विधि
मकर संक्रांति के दिन प्रातः काल शुभ मुहूर्त में स्नान आदि कर लें। यदि स्नान करने वाले पानी में काला तिल, थोड़ा सा गुड़ और गंगाजल मिला लें तो उत्तम होगा। स्नान के बाद साफ-सुथरा वस्त्र धारण कर तांबे के लोटे में जल लें। इसमें काला तिल, गुड़, लाल चंदन, लाल पुष्प, अक्षत् आदि मिला कर सूर्य को अर्पित करते हुए अर्घ्य दें और अर्घ्य देते समय सूर्य मंत्र का जाप करें।
On the day of Makar Sankranti, take a bath, etc. at the auspicious time in the morning. It would be better if black sesame, a little jaggery, and Ganga water are mixed in the bathing water. After bathing, put on clean clothes and burn in a copper vessel. Mixing black sesame, jaggery, red sandalwood, red flower, Akshat, etc. in it, offer Arghya to the Sun and chant Surya Mantra while offering Arghya.
मकर संक्राति का महत्व/ Importance Of Makar Sankranti
वैज्ञानिक आधार पर पहले सूर्य पृथ्वी के दक्षिणी गोलार्ध पर सीधी किरणें डालता है। जिसके कारण उत्तरी गोलार्ध में रात्रि बड़ी और दिन छोटा होता है। इसके कारण सर्द का मौसम भी रहता है। सूर्य पृथ्वी के उत्तरी गोलार्ध की ओर बढ़ना शुरू होता है। जिसके कारण ऋतु भी परिवर्तित होता है और यह कृषकों की फसलों के लिए बेहद ही फायदेमंद होता है।
भारतवर्ष में उपज का मौसम और मकर संक्रांति का पर्व बहुत उल्लास और उत्साह के साथ मनाया जाता है। जैसा कि हम भली भाँति जानते हैं कि भारतीय आबादी का एक बड़ा हिस्सा किसानों का है। इसलिए, देश के अन्य हिस्सों संक्रांति अलग-अलग तरीके से मनाई जाती हैं-
Scientifically, first, the sun casts direct rays on the southern hemisphere of the earth. Because of this, the night is longer and the day is shorter in the northern hemisphere. Due to this, the winter season also lasts. The Sun begins to move towards the northern hemisphere of the Earth. Due to this the season also changes and it is very beneficial for the crops of the farmers.
In India, the harvest season and the festival of Makar Sankranti is celebrated with great gaiety and enthusiasm. As we are well aware that a major part of the Indian population consists of farmers. Therefore, Sankranti is celebrated differently in other parts of the country –
थाई पोंगल/पोंगल
तमिलनाडु में मनाया जाने वाला थाई पोंगल, भगवान इंद्र को श्रद्धांजलि देने के लिए चार दिनों के उत्सव के रुप में मनाया जाता है। यह दिन भगवान इंद्र को भरपूर बारिश के लिए आभार मानने का एक माध्यम है। इसलिए उपजाऊ भूमि और अच्छी उपज की कामना स्वरुप यह मनाई जाती हैं।
थाई पोंगल के दूसरे दिन, ताजा पका हुआ चावल दूध में उबाला जाता है और इसे भगवान सूर्य को प्रसाद स्वरुप अर्पित किया जाता है। तीसरे दिन, मट्टू पोंगल ‘बसवा’- भगवान शिव के बैल को घंटियों, फूलों की माला, और पेंट के साथ सजाकर पूजन किया जाता है। पोंगल के चौथे दिन, कन्नुम पोंगल मनाया जाता है जिसमें घर की सभी महिलाएँ एक साथ विभिन्न प्रकार के धार्मिक अनुष्ठान करती हैं।
Thai Pongal / Pongal
Thai Pongal, celebrated in Tamil Nadu, is a four-day festival to pay homage to Lord Indra. The day is a means of thanking Lord Indra for the bountiful rains. That’s why it is celebrated as a wish for fertile land and good yield.
वैशाखी
मकर संक्रांति को “बैसाखी” पर्व भी कहा जाता है, पंजाब में यह बहुत उल्लास के साथ मनाया जाने वाला एक फसल त्यौहार है। यह बसंत ऋतु के अनुरूप पंजाबी नववर्ष को भी चिह्नित करता है। इसी दिन, दसवें सिख गुरु गोविंद सिंह ने खालसा पंथ की स्थापना की थी। सिख इस त्योहार को सामूहिक जन्मदिवस के रूप में मनाते हैं।
Baisakhi
Makar Sankranti also called the “Baisakhi” festival is a harvest festival celebrated with great enthusiasm in Punjab. It also marks the Punjabi New Year corresponding to the spring season. On this day, the tenth Sikh Guru Gobind Singh founded the Khalsa Panth. Sikhs celebrate this festival as a collective birthday.
उत्तरायण
गुजरात राज्य में मकर संक्रांति को उत्तरायण नाम से जाना जाता हैं। इस दिन पतंग उड़ाने, गुड़ और मूंगफली की चिक्की का दावत के रूप में लुफ्त उठाया जाता है। विशेष मसालों के साथ भुनी हुई सब्जी उत्तरायण के अवसर का मुख्य व्यंजन है।
Uttarayan
Makar Sankranti is known as Uttarayan in the state of kite flying, jaggery, and peanut chikki are enjoyed as a feast on this day. Vegetables roasted with special spices are the main dish of the occasion of Uttarayan.
भोगली या माघ बिहू
भोगली या माघ बिहू असम का एक सप्ताह लंबा फसल त्यौहार है। यह पर्व माह के 29 वें दिन से शुरू होता है, जो 13 जनवरी को पड़ता है और लगभग एक सप्ताह तक चलता है। इस त्यौहार पर लोग हरे बांस और घास के साथ बनी विशेष संरचना “मेजी” (एक प्रकार की अलाव) का निर्माण करते हैं और जलाते हैं।
Bhogali or Magh Bihu
Bhogali or Magh Bihu is a week-long harvest festival of Assam. The festival begins on the 29th day of the month, which falls on January 13, and lasts for about a week. At this festival, people build and light a special structure called “meji” (a kind of bonfire) made of green bamboo and grass.
मकर संक्रांति पर तिल का दान करना क्यों है श्रेष्ठ? / Why Is It Best To Donate Sesame To Makar Sankranti?
मकर संक्रांति के दिन तिल दान की परंपरा है और लोग तिल से बने खाद्य पदार्थ का भी सेवन करते हैं। इसके धार्मिक के साथ ही वैज्ञानिक कारण भी हैं।
There is a tradition of donating sesame seeds on the day of Makar Sankranti and people also eat food made from sesame seeds. There are religious as well as scientific reasons for this.
तिल दान का धार्मिक महत्व-
मकर संक्रांति के दिन तिल दान से सौ गुना फल की प्राप्ति होती है।
तिल दान या तिल से बनी सामग्री ग्रहण करने से कष्टदायक ग्रहों से छुटकारा मिलता है।
मान्यता है कि माघ मास में प्रतिदिन तिल से भगवान विष्णु की पूजा करने से व्यक्ति सारे कष्ट दूर हो जात��� हैं।
मकर राशि के स्वाम�� शनि देव हैं। सूर्य पुत्र होने के बावजूद उनका सूर्य से शत्रुवत संबंध होता है। ऐसे में शनि के भाव में सूर्य की उपस्थिति से कष्ट न हो, इसलिए मकर संक्रांति के दिन तिल का दान और सेवन किया जाता है।
The religious importance of sesame donation –
On the day of Makar Sankranti, sesame donation gives a hundred times the fruit.
By donating sesame seeds or taking things made of sesame seeds, one gets relief from malefic planets.
It is believed that by worshiping Lord Vishnu with mole every day in the month of Magh, all the troubles of a person go away.
Saturn is the lord of Capricorn. Despite being Surya’s son, he has a hostile relationship with Surya. In such a situation, the presence of the Sun in the house of Saturn does not cause any problem, therefore sesame seeds are donated and consumed on the day of Makar Sankranti.
मकर संक्रांति के दिन तिल दान की परंपरा है और लोग तिल से बने खाद्य पदार्थ का भी सेवन करते हैं। इसके धार्मिक के साथ ही वैज्ञानिक कारण भी हैं।
There is a tradition of donating sesame seeds on the day of Makar Sankranti and people also eat food made from sesame seeds. There are religious as well as scientific reasons for this.
जानिए तिल में क्या है गुण
मकर संक्राति पर तिल और गुड़ से बनी मिठाई खाई जाती है। तिल और गुड़ गर्म होते हैं। इसके सेवन से शरीर गर्म रहता है।
तिल तेल से शरीर को भरपूर नमी भी मिलती है।
तिल में कॉपर, मैग्नीशियम, आयरन, मैग्नीज, कैल्शियम, फास्फोरस, जिंक, विटामिन बी 1 और फाइबर आदि प्रचुर मात्रा में पाया जाता है।
तिल के सेवन से शरीर को भरपूर कैलोरी हासिल होती है।
तिल एंटीऑक्सीडेंट होता है, जो शरीर में मौजूद कीटाणुओं का नाश करता है।
Know what are the qualities of sesame
Sweets made of sesame and jaggery are eaten on Makar Sankranti. Sesame and jaggery are hot. By consuming it, the body remains warm.
Sesame oil also provides a lot of moisture to the body.
Copper, magnesium, iron, manganese, calcium, phosphorus, zinc, vitamin B1 and fiber, etc. are found in abundance in sesame.
The body gets plenty of calories by consuming sesame seeds.
Sesame is an antioxidant, which destroys the germs present in the body.
जानिये मकर संक्राति 2023 में राशि अनुसार क्या दान करें- /Know What To Donate On Makar Sankranti 2023 According To Zodiac Sign -
मकर संक्रांति का दिन सूर्य के धनु राशि से मकर राशि में प्रवेश करने के उपलक्ष्य में मनाया जाता है। इस दिन दान पुण्य करने का विशेष महत्व होता है, आइए जानते हैं इस विशेष दिन पर क्या दान करना चाहिए-
The day of Makar Sankranti is celebrated on the occasion of the Sun entering Capricorn from Sagittarius. There is special importance in doing charity on this day, let us know what should be donated on this special day – On the
मकर संक्रांति के दिन गरीबों को तिल पर बनी चीजें दान करना चाहिए। ऐसा माना जाता है कि शनि देव ने अपने पिता सूर्य की पूजा करने के लिए काले तिल का प्रयोग किया था। जिससे खुश होकर सूर्यदेव ने शनि को वरदान दिया था कि मकर संक्रांति के दिन जो भी तिल का दान करेगा, उसके सारे दु:ख दर्द दूर हो जाएंगे। इसके साथ ही तिल का दान करने से शनि दोष भी दूर हो जाता है। कुंभ, मकर राशि के जातक काले तिल का दान जरूर करें।
day of Makar Sankranti, things made of sesame seeds should be donated to the poor. It is believed that Shani Dev used black sesame seeds to worship his father Surya. Pleased with this, Suryadev had given a boon to Shani that whoever donates sesame on the day of Makar Sankranti, all his sorrows and pains will go away. Along with this, by donating sesame, Shani dosha also goes away. The people of Aquarius and Capricorn must donate black sesame seeds.
मकर संक्रांति के दिन जरूरतमंदों को कंबल का दान करना चाहिए। इससे व्यक्ति के जीवन में राहु के अशुभ प्रभाव दूर हो जाते हैं। मेष, तुला, सिंह और मिथुन राशि के जातक इस साल राहु के अशुभ प्रभाव को दूर करने के लिए कंबल दान करें।
On the day of Makar Sankranti, blankets should be donated to the needy. This removes the inauspicious effects of Rahu in a person’s life. People of Aries, Libra, Leo, and Gemini should donate blankets to remove the inauspicious effects of Rahu this year.
मकर संक्रांति के इस पावन दिन पर पर चावल और उड़द की काली दाल से बनी खिचड़ी का दान करना भी बहुत लाभदायक माना जाता है। इस दान को करने से शनिदेव बहुत प्रसन्न होते हैं और आपको अक्षय फल की प्राप्ति होती है। वृश्चिक, धनु और मीन राशि के जातक चावल और फल का दान करें।
On this auspicious day of Makar Sankranti, donating khichdi made of rice and black lentils of urad is also considered very beneficial. Shani Dev is very happy by doing this donation and you get renewable fruit. People of Scorpio, Sagittarius and Pisces should donate rice and fruits.
मकर संक्रांति के दिन किसी गरीब या जरूरत मंद को एक जोड़ी वस्त्र दान करने से बहुत लाभ मिलता है। हालांकि, आपको ध्यान रखना होगा कि वस्त्र इस्तेमाल किए हुए, फटे हुए या पुराने नहीं होना चाहिए। वृषभ और कन्या राशि के जातक जरूरतमंद व्यक्ति को वस्त्र दान कर सकते हैं।
Donating a pair of clothes to a poor or needy person on the day of Makar Sankranti is very beneficial. However, you have to keep in mind that the clothes should not be used, torn or old. The people of Taurus and Virgo can donate clothes to needy people.
मकर संक्रांति के दिन घी का दान करने से आपको बहुत पुण्य मिलता है। इस दिन शुद्ध घी का दान करने से आपको कॅरियर के साथ सभी प्रकार की भौतिक सुविधाएं प्राप्त होती हैं। इसके अलावा आपके लिए मोक्ष के द्वार खुल जाते हैं। कर्क राशि के जातक दूध या घी जरूर दान करें।
You get a lot of virtue by donating ghee on the day of Makar Sankranti. By donating pure ghee on this day, you get all kinds of physical facilities along with your career. Apart from this, the doors of salvation open for you. Cancerians must donate milk or ghee.
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दिसंबर में बुध, शुक्र और सूर्य का संयोग कब होगा, कैसा होगा आप पर असर? #news4
दिसंबर माह 2022 में बुध, शुक्र और सूर्य का राशि परिवर्तन होगा जो अगले वर्ष की भ��मिका तय करेगा, क्योंकि 23 अक्टूबर को शनि ने मकर राशि में वक्री से मार्गी गोचर किया था और 24 नवंबर को गुरु ने मार्गी चाल चली थी। आओ जानते हैं कि दिसंबर में बुध, शुक्र और सूर्य का संयोग कब होगा, कैसा होगा आप पर असर? बुध, शुक्र और सूर्य का संयोग : बुध का धनु राशि में परिवर्तन 3 दिसंबर, 2022 दिन शनिवार की सुबह 06:34 बजे…
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एक बार फिर बदलेगी शनि की चाल, इन 5 राशियों पर पड़ेगा सबसे अधिक प्रभाव, रोजाना करें ये खास उपाय
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12 जुलाई को शनिदेव मकर राशि में प्रवेश कर जाएंगे। शनि के मकर राशि में प्रवेश करते ही एक बार फिर धनु, मकर, कुंभ राशि पर शनि की साढ़ेसाती और मिथुन, तुला राशि पर शनि की ढैय्या शुरू हो जाएगी। शनि की साढ़ेसाती और ढैय्या की वजह से जीवन में कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ता है। शनि की साढ़ेसाती और ढैय्या की वजह से व्यक्ति को कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ता है। शनि के अशुभ प्रभावों से…
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2022 में शनि का राशि परिवर्तन जानिए मिथुन कर्क वृश्चिक राशिफल
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Shani Dev , Zodiac Sign , Astrology : शनि देव को ज्योतिष शास्त्र में एक अहम ग्रह माना गया है. शनि को कर्मफलदाता और न्याय का देवता भी बताया गया है. मान्यता है कि शनि देव ही कलियुग के दंडाधिकारी हैं. जो लोग गलत कार्य करते हैं और नियमों का पालन नहीं करते हैं. माना जाता है कि शनि देव उसे कठोर दंड प्रदान करते हैं. शनि राशि परिवर्तन 2022 (Saturn Transit 2022) ज्योतिष शास्त्र के अनुसार शनि देव को अपनी…
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इन 3 राशियों का बन रहा अखंड साम्राज्य राजयोग, होगी धन की खूब वर्षा, शनि देव की रहेगी विशेष कृपा
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वैदिक ज्योतिष के अनुसार प्रत्येक ग्रह एक निश्चित समय पर राशि परिवर्तन करता है। ढाई साल में शनि देव अपनी सबसे धीमी गति से गोचर कर रहा है। साथ ही शनि अन्य ग्रहों की तुलना में लंबे समय तक वक्री रहते हैं। इस समय शनि अपनी ही राशि मकर में गोचर कर रहे हैं और 23 अक्टूबर 2022 से गोचर करने जा रहे हैं।शनि की चाल में बदलाव से कई राशियों का भाग्य भी बदल जाएगा। मार्गी शनि एक शक्तिशाली विपरीत राजयोग बनाएंगे और…
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https://www.tedmnews.com/news/https://tedmnews.com//1269/14
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शनि की राशि कब बदलती है? इन राशियों को होगा फायदा या भुगतना होगा शनि का प्रभाव - पंजाब न्यूज़ लेटेस्ट पंजाबी न्यूज़ अपडेट आज
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शनि देव: जब भी शनि राशि परिवर्तन करता है, तो यह न केवल देश बल्कि दुनिया को मीन से लेकर मीन राशि तक प्रभावित करता है। शनि की राशि कब बदलती है? अब शनि किस राशि में होगा? लोगों ने इन सवालों के जवाब तलाशने शुरू कर दिए हैं। यहां हम आपको बताएंगे कि शनि राशि कब और किस दिन बदलेगी और शनि राशि परिवर्तन का आपकी राशि पर क्या प्रभाव पड़ेगा? चलो पता करते हैं। शनि राशि पारगमन 2022 (शनि पारगमन 2022)शनि देव इस…
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Shani Gochar 2022: शनि का होगा राशि परिवर्तन, जानें किन 6 राशिवालों को मिलेगा लाभ
Shani Gochar 2022: शनि का होगा राशि परिवर्तन, जानें किन 6 राशिवालों को मिलेगा लाभ
वृश्चिक: शनि का गोचर लोहा, तेल, मशीन या खदान के बिजनेस से जुड़े लोगों को बड़ा मुनाफा करा सकता है. धार्मिक कार्यक्रमों में शामिल होंगे, यात्राएं लाभदायक होंगी. (Photo: Pixabay) Source link
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शनि का कुम्भ राशि में प्रवेश - जानिए ऐसे प्रभावित होंगी बारह राशियां –
कल 29 अप्रैल 2022 को सुबह 7 बजकर 43 मिंट पर शनि का राशि परिवर्तन होने वाला है और शनि मकर से निकलकर कुम्भ राशि में प्रवेश कर जायेंगे, हालाँकि शनि का ये कुम्भ राशि में गोचर केवल ढाई महीने के लिए होगा 29 अप्रैल को शनि कुम्भ में आएंगे लेकिन 12 जुलाई को फिर से मकर राशि में प्रवेश कर जायेंगे और फिर पूरी तरह से शनि का कुम्भ राशि में प्रवेश जनवरी 2023 में होगा, पर फिर भी शनि का कुम्भ राशि में आना ज्योतिष के नजरिये से एक बड़ा परिवर्तन है जिसका प्रभाव सभी लोगों के जीवन पर पड़ेगा।
शनि के कुम्भ राशि में आने के परिणाम को देखें तो क्योंकि कर्म कारक शनि अपनी मूलत्रिकोण राशि में प्रवेश कर रहे हैं इसलिए ये एक शुभ परिवर्तन है जिससे देश और दुनिया में रोजगार के साधन बढ़ेंगे नई जॉब अपॉर्चुनिटीज सामने आएँगी और इकनॉमिकल ग्रोथ भी होगी, इसके अलावा सभी बारह राशियों पर इसका कैसा इफैक्ट होगा अब इसे जानते हैं -
बारह राशियों पर कुम्भ के शनि का प्रभाव -
मेष राशि - आपके जीवन में धन लाभ बढ़ेगा आर्थिक स्थति बेहतर और मजबूत बनेगी, जॉब करने वाले लोगों के लिए इंक्रीमेंट के अच्छे चांस बनेंगे और बिजनेस करने वाले लोगों को पहले से ज्यादा प्रॉफ़िट्स मिलने लगेंगे, आपके सभी टास्क पूरे होते रहेंगे और आपकी मेहनत और प्रयास से आपको अच्छे रिजल्ट्स मिलते रहेंगे और मन की महत्वकांक्षाएं पूरी होंगी।
वृष राशि - लम्बे समय से बढ़ रहा...... ��आगे पढ़ने के लिए क्लिक करें ये लिंक -
https://astroindusoot.com/article/569
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Rahu Gochar 2022:वृष राशि वालों के लिए राहु का परिवर्तन अच्छा नहीं, ज्योतिर्विद ने बताया अमावस्या पर सूखे नारियल का उपाय
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December Grah Gochar 2022: दिसंबर माह में कौन से ग्रह करेंगे महा परिवर्तन #news4
December 2022 Calendar: वर्ष 2022 का नवंबर माह प्रारंभ हो गया है। पिछले माह मंगल ने मिथुन में प्रवेश किया था और 30 अक्टूबर को वह वक्री हो गया है। 17 अक्टूबर को सूर्य ने, 18 अक्टूबर को शुक्र ने, 26 अक्टूबर को बुध ने राशि परिवर्तन किया था। 23 अक्टूबर को शनि ने मकर राशि में वक्री से मार्गी गोचर किया था। आओ जानते हैं नवंबर 2022 के ग्रह परिवर्त। दिसंबर 2022 में ग्रहों का राशि परिवर्तन | Graho ka…
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Shani Transit 2022: इन 5 राशियों पर गिरेगी शनि की साढ़े साती-ढैय्या की गाज, कहीं आप पर भी तो नहीं टूटने वाला है कहर?
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Image Source : @FREEPIK इन 5 राशियों पर गिरेगी शनि की साढ़े साती-ढैय्या की गाज Highlights इन राशियों पर लगेगी साढ़े साती बेहद कष्टकारी होगा इन राशियों के लिए ये समय इन उपाय की मदद से शनि होंगे प्रसन्न Shani Transit 2022: शनि इस समय कुंभ राशि में वक्री स्थिति में हैं. वक्री चाल चलते हुए अब शनि मकर राशि में प्रवेश करेंगे. कल यानी कि 12 जुलाई 2022 को वक्री शनि का मकर राशि में गोचर सभी 12 राशियों पर…
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*चैत्र वासन्तिक नवरात्र प्रारंभ* *अप्रैल 2022 में सम्पूर्ण 09 ग्रहों का राशि परिवर्तन होगा।* *प्रताप सागर स्थित श्री पंचदेव हनुमान मंदिर स्थित प्रख्यात नारदीय ज्योतिष परामर्श केन्द्र के संचालक आचार्य जी ने बताया कि* चैत्र शुक्ल प्रतिपदा से प्रारंभ कर नवमी तक मां जगदंबा माता दुर्गा का नवरात्र नाम से प्रसिद्ध उपासना काल प्रारंभ हो रहा है यह नवरात्रि का महान पर्व 9 दिनों तक चलता है और इसमें माता के 9 रूपों की पूजा- अर्चना की जाती है। इस वर्ष चैत्र नवरात्रि 2 अप्रैल 2022 से शुरू होकर 11 अप्रैल तक चलेगी। अष्टमी 9 अप्रैल को मनाई जाएगी जबकि नवमी 10 अप्रैल को पड़ेगी। विक्रम संवत 2079 में शनि राजा और मंत्री गुरु होंगे ज्योतिष गणना के आधार पर इस संवत्सर में खगोलीय मंत्री परिषद में राजा,मंत्री,5 शुभ ग्रह और 5 पापी ग्रह विराजमान होंगे। इस वर्ष का मंत्री मण्डल के पद इस प्रकार है- राजा-शनि, मंत्री-गुरु,सस्येश-सूर्य,दुर्गेश-बुध,धनेश-शनि,रसेश-मंगल,धान्येश-शुक्र,नीरसेश-शनि,फलेश-बुध,मेघेश-बुध होंगे। साथ ही संवत्सर का निवास कुम्हार का घर एवं समय का वाहन घोड़ा होगा।विक्रम संवत 2079 में राजा शनिदेव और देवगुरु बृहस्पति मंत्री होने से यह संवत्सर साधारण और सामान्य शुभ फलप्रदायक होगा। शनिदेव इस वर्ष न्याय दिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे। वही मंत्री पद देवगुरु को प्राप्त हुआ है। ऐसे में शुभता और सकारात्मक ऊर्जा को बढ़ाने में कारगर होंगे। मीन राशि के सूर्य में चैत्र के महीने में ब्राह्मण बालकों का उपनयन अर्थात यज्ञोपवीत संस्कार विशेष शुभ होता है चैत्र में गुरु,शुक्र की एक राशि में युति होने से घी, तेल, तिल,सूत्र का संग्रह से 2 मास में लाभ होगा |मं��ल, शुक्र की युति से उत्तम वर्षा का अभाव होगा | गुरुवार को मेष संक्रांति होने से रक्षकों व शासकों की क्षति होगी, दुर्भिक्ष तथा खाद्य पदार्थों के मूल्य सामान्य होगे | *चैत्र नवरात्रि शनिवार 2 अप्रैल 2022 को घटस्थापना का सबसे शुभ एवं उत्तम मुहूर्त* *सुबह घटस्थापना का मुहूर्त 👉* 7 बजकर 37 मिनट से 9 बजकर 5 मिनट तक है। *दोपहर घटस्थापना का अभिजित मुहूर्त 👉* 11 बजकर 51 मिनट से दोपहर 12 बजकर 40 मिनट तक होगा। *दोपहर घटस्थापना का मुहूर्त*👉01 बजकर 50 मिनट से 04 बजकर 45 मिनट तक हैं । *सायंकाल घटस्थापना का मुहूर्त* 👉 6 बजकर 30 मिनट से 7 बजकर 50 मिनट तक है । *रात्रि तन्त्र विधि से घटस्थापना का मुहूर्त*👉 9 बजकर 25 मिनट से 1 बजकर 35 मिनट तक है । *विशेष👉* वैधृति योग में कलश स्थापना निषेध है उक्त योग होने पर अभिजित मुहूर्त मध (at Ahmedabad, India) https://www.instagram.com/p/Cb0Zun3B7go/?utm_medium=tumblr
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